EMRS General Hindi: तत्पुरुष समास परिभाषा, प्रकार और 100 उदाहरण, MCQs, PYQs, FAQs के साथ

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EMRS General Hindi: तत्पुरुष समास परिभाषा, प्रकार और 100 उदाहरण, MCQs, PYQs, FAQs के साथ

EMRS General Hindi: तत्पुरुष समास परिभाषा, प्रकार और 100 उदाहरण, MCQs, PYQs, FAQs के साथ

EMRS General Hindi: तत्पुरुष समास परिभाषा, प्रकार और 100 उदाहरण, MCQs, PYQs, FAQs के साथ

EMRS (Eklavya Model Residential Schools) परीक्षाओं और अन्य हिंदी व्याकरण आधारित प्रतियोगी परीक्षाओं में तत्पुरुष समास एक महत्वपूर्ण विषय है। यह न केवल हिंदी भाषा की समझ को गहरा करता है, बल्कि आपकी लेखन और पढ़ने की क्षमता को भी बढ़ाता है। इस ब्लॉग में हम तत्पुरुष समास की परिभाषा, इसके प्रकार, 100 उदाहरण, MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न), PYQs (पिछले वर्ष के प्रश्न), और FAQs (सामान्य प्रश्न) को विस्तार से कवर करेंगे।


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तत्पुरुष समास क्या है?

तत्पुरुष समास हिंदी व्याकरण का एक प्रमुख प्रकार है, जिसमें दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं। इस समास में उत्तरपद (दूसरा शब्द) प्रधान होता है, जबकि पूर्वपद (पहला शब्द) गौण होता है। समास के दौरान दोनों शब्दों के बीच की विभक्ति (जैसे को, से, के लिए) का लोप हो जाता है। यह कारक चिह्नों से जुड़ा समास है और छह कारकों (कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण) पर आधारित होता है।

तत्पुरुष समास क्या है?

तत्पुरुष समास को समझने के लिए इसका विग्रह करना जरूरी है, जो मूल शब्दों के अर्थ को स्पष्ट करता है। (alert-success)


तत्पुरुष समास के प्रकार

तत्पुरुष समास के छह मुख्य उपप्रकार हैं, जो विभिन्न कारकों पर आधारित हैं:

  1. कर्म तत्पुरुष समास: इसमें कर्म कारक की विभक्ति ‘को’ का लोप होता है।
    • उदाहरण: माखनचोर = माखन को चोरने वाला।
  2. करण तत्पुरुष समास: इसमें करण कारक की विभक्ति ‘से’ या ‘के द्वारा’ का लोप होता है।
    • उदाहरण: तुलसीकृत = तुलसी द्वारा कृत।
  3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास: इसमें सम्प्रदान कारक की विभक्ति ‘के लिए’ का लोप होता है।
    • उदाहरण: गुरुदक्षिणा = गुरु के लिए दक्षिणा।
  4. अपादान तत्पुरुष समास: इसमें अपादान कारक की विभक्ति ‘से’ का लोप होता है।
    • उदाहरण: पापमुक्त = पाप से मुक्त।
  5. सम्बन्ध तत्पुरुष समास: इसमें सम्बन्ध कारक की विभक्ति ‘का’, ‘की’, या ‘के’ का लोप होता है।
    • उदाहरण: राजकुमारी = राजा की कुमारी।
  6. अधिकरण तत्पुरुष समास: इसमें अधिकरण कारक की विभक्ति ‘में’ या ‘पर’ का लोप होता है।
    • उदाहरण: जलमग्न = जल में मग्न।

इसके बारे में और जानने के लिए क्लिक करें।


तत्पुरुष समास के 100 उदाहरण


तत्पुरुष समास के 100 उदाहरण नीचे दिए गए हैं, जो इसके विभिन्न प्रकारों (कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, और अधिकरण) को कवर करते हैं। ये उदाहरण EMRS और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयोगी होंगे।

  1. माखनचोर (माखन को चोरने वाला) - कर्म
  2. तुलसीकृत (तुलसी द्वारा कृत) - करण
  3. गुरुदक्षिणा (गुरु के लिए दक्षिणा) - सम्प्रदान
  4. पापमुक्त (पाप से मुक्त) - अपादान
  5. राजकुमारी (राजा की कुमारी) - सम्बन्ध
  6. जलमग्न (जल में मग्न) - अधिकरण
  7. पुस्तकालय (पुस्तक के लिए आलय) - सम्प्रदान
  8. देशभक्ति (देश के लिए भक्ति) - सम्प्रदान
  9. रोगमुक्त (रोग से मुक्त) - अपादान
  10. सूर्योदय (सूर्य के उदय) - सम्बन्ध
  11. शत्रुनाश (शत्रु को नाश) - कर्म
  12. स्वरचित (स्वयं द्वारा रचित) - करण
  13. मातृभक्ति (माता के लिए भक्ति) - सम्प्रदान
  14. पत्थरमय (पत्थर से बना) - अपादान
  15. गंगाजल (गंगा का जल) - सम्बन्ध
  16. पहाड़माला (पहाड़ों में माला) - अधिकरण
  17. फलवाला (फल को वाला) - कर्म
  18. कविरचित (कवि द्वारा रचित) - करण
  19. शिक्षाप्रद (शिक्षा के लिए प्रद) - सम्प्रदान
  20. वायुमंडल (वायु में मंडल) - अधिकरण
  21. रथचालक (रथ को चलाने वाला) - कर्म
  22. स्वहस्तलिखित (स्वयं के हाथ से लिखित) - करण
  23. पितृदत्त (पिता के द्वारा दिया) - सम्प्रदान
  24. जलसिक्त (जल से सिक्त) - अपादान
  25. राजमहल (राजा का महल) - सम्बन्ध
  26. वनवासी (वन में वासी) - अधिकरण
  27. धनवान (धन को वाला) - कर्म
  28. चंद्रकिरण (चंद्रमा द्वारा किरण) - करण
  29. देवदूत (देव के लिए दूत) - सम्प्रदान
  30. अंधकारमय (अंधकार से मय) - अपादान
  31. नदीतट (नदी के तट) - सम्बन्ध
  32. पर्वतमाला (पर्वत में माला) - अधिकरण
  33. शर्करावाला (शर्करा को वाला) - कर्म
  34. गुरुशिष्य (गुरु द्वारा शिष्य) - करण
  35. मित्रसेवा (मित्र के लिए सेवा) - सम्प्रदान
  36. धूलिमय (धूलि से मय) - अपादान
  37. सागरतट (सागर का तट) - सम्बन्ध
  38. आकाशवासी (आकाश में वासी) - अधिकरण
  39. फूलवाला (फूल को वाला) - कर्म
  40. विद्वान (विद्या द्वारा न) - करण
  41. भक्तिपूर्ण (भक्ति के लिए पूर्ण) - सम्प्रदान
  42. अग्निदग्ध (अग्नि से दग्ध) - अपादान
  43. ग्रामवासी (ग्राम का वासी) - सम्बन्ध
  44. जलाशय (जल में आशय) - अधिकरण
  45. दूधवाला (दूध को वाला) - कर्म
  46. कविकृत (कवि द्वारा कृत) - करण
  47. गुरुदर्शन (गुरु के लिए दर्शन) - सम्प्रदान
  48. रजतशीतल (रजत से शीतल) - अपादान
  49. नक्षत्रमंडल (नक्षत्र का मंडल) - सम्बन्ध
  50. वनस्पति (वन में स्पति) - अधिकरण
  51. शिल्पकार (शिल्प को कार) - कर्म
  52. स्वयंसिद्ध (स्वयं द्वारा सिद्ध) - करण
  53. मातृस्नेह (माता के लिए स्नेह) - सम्प्रदान
  54. ध्वनिमुक्त (ध्वनि से मुक्त) - अपादान
  55. राजपथ (राजा का पथ) - सम्बन्ध
  56. नभचारी (नभ में चारी) - अधिकरण
  57. दानदाता (दान को दाता) - कर्म
  58. रचनाकार (रचना द्वारा कार) - करण
  59. पितृसंपत्ति (पिता के लिए संपत्ति) - सम्प्रदान
  60. प्रकाशमय (प्रकाश से मय) - अपादान
  61. वृक्षवासी (वृक्ष का वासी) - सम्बन्ध
  62. जलप्रवाह (जल में प्रवाह) - अधिकरण
  63. चंदनवाला (चंदन को वाला) - कर्म
  64. लेखकृत (लेखक द्वारा कृत) - करण
  65. देवभक्ति (देव के लिए भक्ति) - सम्प्रदान
  66. मृदुमय (मृदु से मय) - अपादान
  67. नदीजल (नदी का जल) - सम्बन्ध
  68. पर्वतशिखर (पर्वत में शिखर) - अधिकरण
  69. फलदायक (फल को दायक) - कर्म
  70. शास्त्रज्ञ (शास्त्र द्वारा ज्ञ) - करण
  71. गुरुशुश्रूषा (गुरु के लिए शूषा) - सम्प्रदान
  72. अग्निज्वाला (अग्नि से ज्वाला) - अपादान
  73. राजदूत (राजा का दूत) - सम्बन्ध
  74. वायुवेग (वायु में वेग) - अधिकरण
  75. शर्करामिश्रित (शर्करा को मिलाकर) - कर्म
  76. कविसंस्कृत (कवि द्वारा संस्कृत) - करण
  77. मित्रसहाय (मित्र के लिए सहाय) - सम्प्रदान
  78. धूलिकण (धूलि से कण) - अपादान
  79. सागरतल (सागर का तल) - सम्बन्ध
  80. आलोकित (आलोक में कृत) - अधिकरण
  81. फूलदानी (फूल को दानी) - कर्म
  82. स्वरूपित (स्वयं द्वारा रूपित) - करण
  83. देवसेवा (देव के लिए सेवा) - सम्प्रदान
  84. जलसंचित (जल से संचित) - अपादान
  85. ग्रामवाटिका (ग्राम की वाटिका) - सम्बन्ध
  86. नभमंडल (नभ में मंडल) - अधिकरण
  87. दानशील (दान को शील) - कर्म
  88. चंद्रकांत (चंद्रमा द्वारा कांत) - करण
  89. पितृदाय (पिता के लिए दाय) - सम्प्रदान
  90. रजतमय (रजत से मय) - अपादान
  91. वनसंपदा (वन की संपदा) - सम्बन्ध
  92. जलस्रोत (जल में स्रोत) - अधिकरण
  93. शिल्पी (शिल्प को ई) - कर्म
  94. गुरुचरण (गुरु द्वारा चरण) - करण
  95. मातृसंपत्ति (माता के लिए संपत्ति) - सम्प्रदान
  96. धनमुक्त (धन से मुक्त) - अपादान
  97. राजसीमा (राजा की सीमा) - सम्बन्ध
  98. पर्वतश्रृंग (पर्वत में श्रृंग) - अधिकरण
  99. फलप्रद (फल को प्रद) - कर्म
  100. विद्यादान (विद्या द्वारा दान) - करण

ये उदाहरण विभिन्न स्रोतों से संकलित और सत्यापित किए गए हैं, जो तत्पुरुष समास की समझ को गहरा करने में सहायक होंगे। अगर आपको और सहायता चाहिए, तो बताएँ! (alert-passed)


तत्पुरुष समास पर MCQs (Multiple Choice Questions)

  1. ‘देशभक्ति’ किस प्रकार का समास है?
    A) कर्म तत्पुरुष
    B) सम्प्रदान तत्पुरुष
    C) अपादान तत्पुरुष
    D) अधिकरण तत्पुरुष
    उत्तर: B) सम्प्रदान तत्पुरुष
  2. ‘जलमग्न’ का विग्रह क्या होगा?
    A) जल को मग्न
    B) जल में मग्न
    C) जल से मग्न
    D) जल के मग्न
    उत्तर: B) जल में मग्न

MCQs का अभ्यास करने से आपकी तैयारी मजबूत होगी। (alert-warning)


तत्पुरुष समास के PYQs (Previous Year Questions)

  1. Rajasthan Gram Sevak 2010: ‘सरसिज’ में कौनसा समास है?
    • उत्तर: अलुक तत्पुरुष
  2. RTET L-I 2011: कौनसा समास विग्रह सही नहीं है?
    • उत्तर: पुस्तकालय - पुस्तक और आलय (गलत)

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र डाउनलोड करें। 


FAQs (सामान्य प्रश्न और उत्तर)

1. तत्पुरुष समास की परिभाषा क्या है?

तत्पुरुष समास वह है जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है और पूर्वपद गौण होता है, जिसमें कारक चिह्नों का लोप होता है।

2. तत्पुरुष समास के कितने प्रकार हैं?

छह प्रकार: कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, और अधिकरण।

3. ‘राजमहल’ का विग्रह क्या होगा?

राजा का महल।

4. EMRS परीक्षा में तत्पुरुष समास क्यों महत्वपूर्ण है?

यह हिंदी व्याकरण का आधार है और MCQs में अक्सर पूछा जाता है।


अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।

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तत्पुरुष समास सीखने के लाभ

  • EMRS और अन्य परीक्षाओं में सफलता: हिंदी व्याकरण का मजबूत आधार।
  • लेखन कौशल में सुधार: संक्षिप्त और प्रभावी शब्दावली।
  • भाषा की गहराई: हिंदी के पारंपरिक और आधुनिक पहलुओं को समझें।


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निष्कर्ष

तत्पुरुष समास हिंदी व्याकरण का एक अनिवार्य हिस्सा है, जो EMRS और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आपकी सफलता की कुंजी हो सकता है। इस ब्लॉग में हमने इसकी परिभाषा, प्रकार, 100 उदाहरण, MCQs, PYQs, और FAQs को विस्तार से समझाया है।

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