स्वर संधि: परिभाषा, भेद, उदाहरण (EMRS Teaching और Non Teaching पदों के General Hindi के लिए उपयोगी)
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परिचय: स्वर संधि और EMRS 2025 में इसका महत्व
हिंदी व्याकरण में स्वर संधि एक महत्वपूर्ण विषय है, जो शब्दों के मेल से होने वाले उच्चारण और वर्तनी परिवर्तन को समझाता है। यह न केवल हिंदी भाषा की समझ को गहरा करता है, बल्कि Eklavya Model Residential Schools (EMRS) 2025 की शिक्षण (TGT, PGT) और गैर-शिक्षण (JSA, Accountant) भर्ती परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय शिक्षा सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (NESTS) द्वारा आयोजित EMRS परीक्षा में हिंदी सिलेबस का एक प्रमुख हिस्सा संधि है, जिसमें स्वर संधि पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
इस ब्लॉग में हम स्वर संधि की परिभाषा, इसके पांच भेद (दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, और अयादि संधि), 100+ उदाहरण, और EMRS 2025 के लिए इसकी प्रासंगिकता को विस्तार से समझेंगे। यह ब्लॉग EMRS TGT हिंदी, PGT हिंदी, और गैर-शिक्षण पदों (जैसे JSA) के उम्मीदवारों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
स्वर संधि की परिभाषा
स्वर संधि तब होती है जब दो शब्दों के मेल से उनके स्वरों में परिवर्तन होता है, जिससे उच्चारण सरल और शब्द सुसंगत बनता है। यह हिंदी व्याकरण का एक आधारभूत हिस्सा है, जो शब्दों को जोड़कर नए शब्द बनाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए:
- गण + ईश = गणेश (अ + ई = ए)
- हिम + आलय = हिमालय (अ + आ = आ)
EMRS 2025 की TGT हिंदी और PGT हिंदी परीक्षाओं में स्वर संधि से संबंधित प्रश्न भाषा योग्यता टेस्ट (Language Competency Test) और डोमेन नॉलेज सेक्शनों में पूछे जाते हैं। गैर-शिक्षण पदों जैसे जूनियर सेक्रेटेरियट असिस्टेंट (JSA) के लिए भी हिंदी भाषा की समझ जरूरी है, जिसमें संधि महत्वपूर्ण है।
स्वर संधि के भेद
स्वर संधि के पांच प्रमुख भेद हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- अयादि संधि
इन सभी भेदों को EMRS 2025 के हिंदी सिलेबस में शामिल किया गया है, विशेष रूप से TGT और PGT पदों के लिए। नीचे प्रत्येक भेद की विस्तृत व्याख्या और उदाहरण दिए गए हैं। (alert-success)
1. दीर्घ संधि
परिभाषा
जब दो समान स्वर (ह्रस्व या दीर्घ) मिलते हैं, तो वे एक दीर्घ स्वर में परिवर्तित हो जाते हैं। इसे दीर्घ संधि कहते हैं।
नियम
- अ + अ = आ
- अ + आ = आ
- आ + अ = आ
- आ + आ = आ
- इ + इ = ई
- इ + ई = ई
- ई + इ = ई
- ई + ई = ई
- उ + उ = ऊ
- उ + ऊ = ऊ
- ऊ + उ = ऊ
- ऊ + ऊ = ऊ
उदाहरण
- विद्या + आलय = विद्यालय (आ + आ = आ)
- हिम + आलय = हिमालय (अ + आ = आ)
- पुष्प + अवली = पुष्पावली (अ + अ = आ)
- कवि + इच्छा = कवीच्छा (इ + इ = ई)
- हरि + ईश = हरीश (इ + ई = ई)
- सु + उक्ति = सूक्ति (उ + उ = ऊ)
- वधू + उत्सव = वधूत्सव (ऊ + उ = ऊ)
- संग्रह + आलय = संग्रहालय (अ + आ = आ)
- भोजन + आलय = भोजनालय (अ + आ = आ)
- मही + इन्द्र = महीन्द्र (ई + इ = ई)
EMRS 2025 में महत्व: दीर्घ संधि के प्रश्न TGT और PGT हिंदी के भाषा योग्यता टेस्ट में MCQ प्रारूप में पूछे जाते हैं। यह गैर-शिक्षण पदों के लिए भी हिंदी भाषा की समझ को परखने में उपयोगी है। (alert-passed)
2. गुण संधि
परिभाषा
जब अ/आ के बाद इ/ई, उ/ऊ, या ऋ आता है, तो वे क्रमशः ए, ओ, और अर् में बदल जाते हैं। इसे गुण संधि कहते हैं।
नियम
- अ + इ/ई = ए
- आ + इ/ई = ए
- अ + उ/ऊ = ओ
- आ + उ/ऊ = ओ
- अ + ऋ = अर्
- आ + ऋ = अर्
उदाहरण
- गण + ईश = गणेश (अ + ई = ए)
- महा + इन्द्र = महेन्द्र (आ + इ = ए)
- चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय (अ + उ = ओ)
- समुद्र + ऊर्मि = समुद्रोर्मि (अ + ऊ = ओ)
- देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्)
- महा + ऋषि = महर्षि (आ + ऋ = अर्)
- उप + इन्द्र = उपेन्द्र (अ + इ = ए)
- रमा + ईश = रमेश (आ + ई = ए)
- महा + उत्सव = महोत्सव (आ + उ = ओ)
- गंगा + उर्मि = गंगोर्मि (आ + ऊ = ओ)
EMRS 2025 में महत्व: गुण संधि के प्रश्न हिंदी सिलेबस के डोमेन नॉलेज सेक्शन में पूछे जाते हैं, खासकर PGT हिंदी के लिए, जहां गहरी व्याकरणिक समझ की आवश्यकता होती है। (alert-warning)
3. वृद्धि संधि
परिभाषा
जब अ/आ के बाद ए/ऐ या ओ/औ आता है, तो वे क्रमशः ऐ और औ में बदल जाते हैं। इसे वृद्धि संधि कहते हैं।
नियम
- अ + ए/ऐ = ऐ
- आ + ए/ऐ = ऐ
- अ + ओ/औ = औ
- आ + ओ/औ = औ
उदाहरण
- सदा + एव = सदैव (आ + ए = ऐ)
- पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा (अ + ए = ऐ)
- महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य (आ + ऐ = ऐ)
- जल + ओकस = जलौकस (अ + ओ = औ)
- महा + ओषधि = महौषधि (आ + ओ = औ)
- परम + औषध = परमौषध (अ + औ = औ)
- महा + औदार्य = महौदार्य (आ + औ = औ)
- मत + ऐक्य = मतैक्य (अ + ऐ = ऐ)
- भव + ऐश्वर्य = भवैश्वर्य (अ + ऐ = ऐ)
- सूर्य + ओदय = सूर्योदय (अ + ओ = औ)
4. यण संधि
परिभाषा
जब इ/ई, उ/ऊ, या ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर आता है, तो वे क्रमशः य, व, और र में बदल जाते हैं। इसे यण संधि कहते हैं।
नियम
- इ/ई + भिन्न स्वर = य
- उ/ऊ + भिन्न स्वर = व
- ऋ + भिन्न स्वर = र
उदाहरण
- सु + आगत = स्वागत (उ + अ = व)
- अति + अल्प = अत्यल्प (इ + अ = य)
- देवी + अर्पण = देव्यर्पण (ई + अ = य)
- वधू + आगमन = वध्वागमन (ऊ + आ = व)
- पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा (ऋ + अ = र)
- नि + अक = न्यक (इ + अ = य)
- गुरु + आलय = गुर्वालय (उ + आ = व)
- धर्म + अर्थ = धर्मार्थ (ऋ + अ = र)
- गाय + अति = गायत्री (ई + अ = य)
- पू + अर्वा = पूर्वा (ऊ + अ = व)
5. अयादि संधि
परिभाषा
जब ए, ऐ, ओ, या औ के बाद कोई भिन्न स्वर आता है, तो वे क्रमशः अय्, आय्, अव्, और आव् में बदल जाते हैं। इसे अयादि संधि कहते हैं।
नियम
- ए + भिन्न स्वर = अय्
- ऐ + भिन्न स्वर = आय्
- ओ + भिन्न स्वर = अव्
- औ + भिन्न स्वर = आव्
उदाहरण
- ने + अयन = नयन (ए + अ = अय्)
- नै + अक = नायक (ऐ + अ = आय्)
- पो + अन = पवन (ओ + अ = अव्)
- पौ + अक = पावक (औ + अ = आव्)
- गै + अक = गायक (ऐ + अ = आय्)
- भो + अन = भवन (ओ + अ = अव्)
- पिता + अयन = पितायन (अ + अ = अय्)
- गौ + अक = गावक (औ + अ = आव्)
- से + अक = सायक (ए + अ = अय्)
- नौ + अक = नावक (औ + अ = आव्)
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स्वर संधि के 100 उदाहरण
नीचे स्वर संधि के 100 उदाहरण दिए गए हैं, जो EMRS 2025 की तैयारी के लिए उपयोगी हैं:
दीर्घ संधि (30 उदाहरण)
- विद्या + आलय = विद्यालय (आ + आ = आ)
- हिम + आलय = हिमालय (अ + आ = आ)
- पुष्प + अवली = पुष्पावली (अ + अ = आ)
- कवि + इच्छा = कवीच्छा (इ + इ = ई)
- हरि + ईश = हरीश (इ + ई = ई)
- सु + उक्ति = सूक्ति (उ + उ = ऊ)
- वधू + उत्सव = वधूत्सव (ऊ + उ = ऊ)
- संग्रह + आलय = संग्रहालय (अ + आ = आ)
- भोजन + आलय = भोजनालय (अ + आ = आ)
- मही + इन्द्र = महीन्द्र (ई + इ = ई)
- माया + अधीन = मायाधीन (आ + अ = आ)
- सूर्य + उदय = सूर्योदय (अ + उ = ओ)
- गुरु + उपदेश = गुरूपदेश (उ + उ = ऊ)
- नदी + ईश = नदीश (इ + ई = ई)
- रवि + इन्द्र = रवीन्द्र (इ + इ = ई)
- सु + उक्त = सूक्त (उ + उ = ऊ)
- जल + आलय = जलालय (अ + आ = आ)
- माला + अवली = मालावली (अ + अ = आ)
- सद् + आनंद = सदानंद (अ + आ = आ)
- पद् + आति = पादाति (अ + आ = आ)
- कथा + आलाप = कथालाप (आ + अ = आ)
- वेद + आलय = वेदालय (अ + आ = आ)
- सु + ऊर्जा = सूरजा (उ + ऊ = ऊ)
- देव + इन्द्र = देवीन्द्र (इ + इ = ई)
- शिव + इच्छा = शिवीच्छा (इ + इ = ई)
- सूर + उदय = सूरुदय (अ + उ = ओ)
- महा + आलय = महालय (आ + आ = आ)
- नारी + ईश = नारीश (इ + ई = ई)
- सु + उषा = सूषा (उ + उ = ऊ)
- रमा + आलय = रमालय (अ + आ = आ)
गुण संधि (25 उदाहरण)
- गण + ईश = गणेश (अ + ई = ए)
- महा + इन्द्र = महेन्द्र (आ + इ = ए)
- चन्द्र + उदय = चन्द्रोदय (अ + उ = ओ)
- समुद्र + ऊर्मि = समुद्रोर्मि (अ + ऊ = ओ)
- देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्)
- महा + ऋषि = महर्षि (आ + ऋ = अर्)
- उप + इन्द्र = उपेन्द्र (अ + इ = ए)
- रमा + ईश = रमेश (आ + ई = ए)
- महा + उत्सव = महोत्सव (आ + उ = ओ)
- गंगा + उर्मि = गंगोर्मि (आ + ऊ = ओ)
- सूर्य + उदय = सूर्योदय (अ + उ = ओ)
- देव + इन्द्र = देवेन्द्र (अ + इ = ए)
- सु + इच्छा = स्वेच्छा (उ + इ = ए)
- वसु + इन्द्र = वसुन्द्र (उ + इ = ए)
- महा + ईश्वर = महेश्वर (आ + ई = ए)
- जल + उदक = जलोदक (अ + उ = ओ)
- कवि + उक्ति = कव्यूक्ति (इ + उ = ओ)
- सु + ऊर्जा = सूरजा (उ + ऊ = ओ)
- देव + ऋष = देवर्ष (अ + ऋ = अर्)
- पितृ + ऋषि = पितृषि (ऋ + ऋ = अर्)
- महा + उदय = महोदय (आ + उ = ओ)
- सु + ईक्षा = स्वीक्षा (उ + ई = ए)
- हरि + उमा = हर्युमा (इ + उ = ओ)
- नदी + उर्मि = नद्युर्मि (इ + ऊ = ओ)
- पद + ऋषि = पदर्षि (अ + ऋ = अर्)
वृद्धि संधि (20 उदाहरण)
- सदा + एव = सदैव (आ + ए = ऐ)
- पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा (अ + ए = ऐ)
- महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य (आ + ऐ = ऐ)
- जल + ओकस = जलौकस (अ + ओ = औ)
- महा + ओषधि = महौषधि (आ + ओ = औ)
- परम + औषध = परमौषध (अ + औ = औ)
- महा + औदार्य = महौदार्य (आ + औ = औ)
- मत + ऐक्य = मतैक्य (अ + ऐ = ऐ)
- भव + ऐश्वर्य = भवैश्वर्य (अ + ऐ = ऐ)
- सूर्य + ओदय = सूर्योदय (अ + ओ = औ)
- सु + ऐक्य = स्वैक्य (उ + ऐ = ऐ)
- देव + ऐश्वर्य = देवैश्वर्य (अ + ऐ = ऐ)
- जल + औषध = जलौषध (अ + औ = औ)
- सदा + ओज = सदौज (आ + ओ = औ)
- पद + ऐक्य = पदैक्य (अ + ऐ = ऐ)
- महा + एव = महैव (आ + ए = ऐ)
- सु + ओज = स्वोज (उ + ओ = औ)
- नदी + ओषधि = नद्यौषधि (इ + ओ = औ)
- कवि + ऐक्य = कवैक्य (इ + ऐ = ऐ)
- गंगा + औषध = गंगौषध (आ + औ = औ)
यण संधि (15 उदाहरण)
- सु + आगत = स्वागत (उ + अ = व)
- अति + अल्प = अत्यल्प (इ + अ = य)
- देवी + अर्पण = देव्यर्पण (ई + अ = य)
- वधू + आगमन = वध्वागमन (ऊ + आ = व)
- पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा (ऋ + अ = र)
- नि + अक = न्यक (इ + अ = य)
- गुरु + आलय = गुर्वालय (उ + आ = व)
- धर्म + अर्थ = धर्मार्थ (ऋ + अ = र)
- गाय + अति = गायत्री (ई + अ = य)
- पू + अर्वा = पूर्वा (ऊ + अ = व)
- कवि + अक = कविक (इ + अ = य)
- सु + अति = स्वति (उ + अ = व)
- नारी + अर्पण = नार्यर्पण (ई + अ = य)
- पितृ + अर्थ = पित्रर्थ (ऋ + अ = र)
- वसु + अति = वस्वति (उ + अ = व)
अयादि संधि (10 उदाहरण)
- ने + अयन = नयन (ए + अ = अय्)
- नै + अक = नायक (ऐ + अ = आय्)
- पो + अन = पवन (ओ + अ = अव्)
- पौ + अक = पावक (औ + अ = आव्)
- गै + अक = गायक (ऐ + अ = आय्)
- भो + अन = भवन (ो + अ = अव्)
- पिता + अयन = पितायन (अ + अ = अय्)
- गौ + अक = गावक (औ + अ = आव्)
- से + अक = सायक (ए + अ = अय्)
- नौ + अक = नावक (औ + अ = आव्)
EMRS 2025 में स्वर संधि का महत्व
Eklavya Model Residential Schools (EMRS) 2025 भर्ती परीक्षा में स्वर संधि हिंदी सिलेबस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रीय शिक्षा सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (NESTS) द्वारा आयोजित इस परीक्षा में 38,000 शिक्षण (TGT, PGT, प्रिंसिपल) और गैर-शिक्षण (JSA, अकाउंटेंट, लैब अटेंडेंट) पदों के लिए भर्ती होगी।
शिक्षण पदों (TGT, PGT) के लिए
- TGT हिंदी सिलेबस: स्वर संधि भाषा योग्यता टेस्ट (20 अंक) और डोमेन नॉलेज (80 अंक) में शामिल है। इसमें संधि विच्छेद, संधि पहचान, और MCQ प्रश्न पूछे जाते हैं।
- PGT हिंदी सिलेबस: स्वर संधि के गहरे ज्ञान की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से डोमेन नॉलेज सेक्शन में, जहां व्याकरणिक नियमों और उदाहरणों पर प्रश्न होते हैं।
- परीक्षा पैटर्न:
- कुल अंक: 150 (130 अंक लिखित परीक्षा + 20 अंक भाषा योग्यता टेस्ट)
- नकारात्मक अंकन: प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक कटौती।
- भाषा योग्यता टेस्ट में 40% अंक अनिवार्य।
गैर-शिक्षण पदों (JSA, अकाउंटेंट) के लिए
- जूनियर सेक्रेटेरियट असिस्टेंट (JSA): हिंदी भाषा योग्यता टेस्ट में स्वर संधि, समास, मुहावरे, और अपठित गद्यांश जैसे विषय शामिल हैं।
- अकाउंटेंट और लैब अटेंडेंट: हिंदी भाषा की बुनियादी समझ की आवश्यकता होती है, जिसमें संधि एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
तैयारी टिप्स:
- स्वर संधि के नियम और उदाहरण याद करें।
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र और मॉक टेस्ट हल करें।
- NEP 2020 और शिक्षण विधियों (Pedagogy) पर भी ध्यान दें, क्योंकि यह TGT और PGT सिलेबस का हिस्सा है।
स्वर संधि की तैयारी के लिए टिप्स (EMRS 2025)
- नियम समझें: प्रत्येक संधि भेद (दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि) के नियमों को स्पष्ट रूप से समझें।
- उदाहरण रटें: उपरोक्त 100 उदाहरणों को याद करें और संधि विच्छेद का अभ्यास करें।
- मॉक टेस्ट: EMRS TGT और PGT हिंदी के लिए ऑनलाइन मॉक टेस्ट हल करें।
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र: EMRS 2023 के प्रश्नपत्रों में संधि से संबंधित प्रश्नों का विश्लेषण करें।
- हिंदी व्याकरण की पुस्तकें: लूसेंट, अरिहंत, या NIELIT हिंदी व्याकरण की पुस्तकों से पढ़ें।
- नकारात्मक अंकन का ध्यान: प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक कटौती होती है, इसलिए सावधानी से उत्तर दें।
निष्कर्ष: EMRS 2025 के लिए स्वर संधि की तैयारी
स्वर संधि हिंदी व्याकरण का एक आधारभूत हिस्सा है, जो EMRS 2025 की शिक्षण (TGT, PGT) और गैर-शिक्षण (JSA, अकाउंटेंट) परीक्षाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस ब्लॉग में दिए गए 100+ उदाहरण, नियम, और EMRS सिलेबस के आधार पर तैयारी टिप्स आपको सफलता की ओर ले जाएंगे। नियमित अभ्यास, मॉक टेस्ट, और सिलेबस की गहरी समझ के साथ आप इस परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
क्या आपके पास EMRS 2025 या स्वर संधि से संबंधित कोई सवाल है? नीचे कमेंट करें और हमें बताएं। नवीनतम अपडेट्स के लिए हमारी साइट पर दोबारा आएं।
इन्हें भी जाने:
1. EMRS General Hindi : संधि परिभाषा, प्रकार और उदाहरण