औपचारिक पत्र लेखन – स्वरूप, उदाहरण व सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
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📌 परिचय
औपचारिक पत्र (Formal Letter) वह पत्र होते हैं जिन्हें किसी संस्था, कार्यालय, सरकारी विभाग या किसी अधिकारी को लिखा जाता है। यह पत्र पूर्णतः शुद्ध, संक्षिप्त और औपचारिक भाषा में लिखा जाता है।
📝 औपचारिक पत्र की विशेषताएँ
- यह पत्र किसी विशेष कार्य, निवेदन, शिकायत या सूचना के लिए लिखा जाता है।
- इसमें भाषा विनम्र, स्पष्ट एवं संक्षिप्त होती है।
- व्याकरण एवं वर्तनी की पूर्ण सावधानी रखनी होती है।
📋 औपचारिक पत्र का प्रारूप (Format of Formal Letter in Hindi)
1. प्रेषक का नाम और पता
2. तिथि
3. प्रापक का नाम और पद
4. विषय
5. संबोधन (मान्यवर/आदरणीय महोदय)
6. पत्र का मुख्य भाग
7. धन्यवाद
8. शुभकामना
9. प्रेषक का नाम और हस्ताक्षर (code-box)
✉️ उदाहरण : विद्यालय में पुस्तकालय हेतु पुस्तकों की मांग
प्रेषक का नाम पता
गौरव कुमार,
कक्षा 10वीं ‘ब’
राजकीय उच्च विद्यालय, गोरखपुर
तिथि : 28 मई 2025
प्राचार्य महोदय,
राजकीय उच्च विद्यालय
गोरखपुर
विषय : विद्यालय पुस्तकालय में नई पुस्तकों की मांग हेतु पत्र।
महोदय,
निवेदन है कि हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में उपयोगी पुस्तकों की अत्यधिक कमी है। छात्रों को परीक्षाओं की तैयारी हेतु अद्यतन सामग्री नहीं मिल पाती।
आपसे अनुरोध है कि गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व हिंदी विषयों की नवीनतम पुस्तकें पुस्तकालय में उपलब्ध कराई जाएं ताकि छात्र अध्ययन में और अधिक लाभ उठा सकें।
आपकी कृपा हेतु हम सदा आभारी रहेंगे। धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी छात्र
गौरव कुमार
कक्षा 10वीं ‘ब’
💡 औपचारिक पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें
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- विषय स्पष्ट व संक्षेप में हो।
- पत्र की भाषा में आदर बना रहे।
- एक ही विषय पर केंद्रित रहें।
❓FAQs – औपचारिक पत्र से जुड़े प्रश्न
प्र. औपचारिक पत्र और अनौपचारिक पत्र में क्या अंतर होता है?
उ. औपचारिक पत्र कार्यालय, संस्था आदि को लिखा जाता है जबकि अनौपचारिक पत्र मित्रों और रिश्तेदारों को।
प्र. औपचारिक पत्र में कौन-कौन से अंग होते हैं?
उ. प्रेषक का पता, तिथि, प्रापक का नाम, विषय, संबोधन, मुख्य भाग, धन्यवाद व हस्ताक्षर।
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🔚 निष्कर्ष
औपचारिक पत्र लेखन की जानकारी हर विद्यार्थी और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी के लिए अत्यंत आवश्यक है। सही प्रारूप और शुद्ध भाषा से यह कार्य सरल हो जाता है।