- परिचय
- स्वर संधि की परिभाषा
- स्वर संधि के प्रकार
- स्वर संधि के सामान्य उदाहरण
- पिछले परीक्षाओं में स्वर संधि के प्रश्न
- स्वर संधि विच्छेद और उसके नियम
- स्वर संधि जानने की ट्रिक्स
- 100 स्वर संधि उदाहरण एवं उनका संधि विच्छेद
- निष्कर्ष
परिचय
स्वर भाषा के मूल तत्व हैं, और हिंदी एवं संस्कृत व्याकरण में “संधि” का विशेष महत्व है। जब दो शब्दों के अंत और आरम्भ में स्वर मिलते हैं, तो उनका मेल नए उच्चारण और अक्षर रूप में प्रकट होता है। इस प्रक्रिया को स्वर संधि कहा जाता है। यह ब्लॉग पाठकों को स्वर संधि के विभिन्न प्रकार, नियम एवं व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है।
स्वर संधि की परिभाषा
स्वर संधि वह प्रक्रिया है जिसमें दो शब्दों के मिलने वाले स्वर (vowels) एक दूसरे के साथ संयुक्त होकर एक नया स्वर अथवा रूप तैयार करते हैं। जब किसी शब्द का अंत और अगले शब्द का प्रारम्भ स्वर से होता है, तो दोनों में एक प्राकृतिक मेल और परिवर्तन होता है। इससे शब्दों का उच्चारण न केवल सुगम होता है, बल्कि लिपि में भी उसकी सुंदरता एवं सटीकता बनी रहती है।
स्वर संधि के प्रकार
स्वर संधि को मुख्यतः 5 भागों में बाँटा जाता है:
क्रम | स्वर संधि का नाम | नियम | उदाहरण | संधि विच्छेद |
1. | दीर्घ संधि | एक जैसे दीर्घ स्वर मिलें (अ + अ = आ) | रामालय | राम + आलय |
2. | गुण संधि | अ + इ = ए, अ + उ = ओ | विद्यालय | विद्या + आलय |
3. | वृद्धि संधि | अ + ए = ऐ, अ + ओ = औ | सौरौषधि | सुर + ओषधि |
4. | यण् संधि | इ, ई → य ; उ, ऊ → व ; ऋ → र | नीत्यमृत | नीति + अमृत |
5. | आयादी संधि | अ/आ + इ/ई/उ/ऊ → स्वर में परिवर्तन | बालेन्द्र | बाल + इन्द्र |
- दीर्घ स्वर संधि (अ + अ = आ):
जब दोनों शब्दों में पहला स्वर “अ” होता है, तो दोनों मिलकर “आ” उत्पन्न करते हैं।
उदाहरण: राज + अमृत = राजामृत - गुण स्वर संधि (अ + इ/ई = ए/ऐ):
यहाँ, “अ” के साथ यदि “इ” या “ई” आता है तो “ए” या “ऐ” का रूप बनता है।
उदाहरण: राम + इन्द्र = रामेंद्र
उदाहरण: राज + ईश्वर = राजैश्वर - वृद्धि स्वर संधि (अ + उ/ऊ = ओ/औ):
जब “अ” के साथ “उ” या “ऊ” मिलता है तो “ओ” या “औ” में परिवर्तन होता है।
उदाहरण: धन + उपयोग = धनोपयोग
उदाहरण: जगत + ऊर्जा = जगतौर्जा - अन्य संयुक्त स्वर संधियाँ:
कुछ मामलों में स्वर आपस में मिलकर विशेष ध्वनियाँ उत्पन्न करते हैं, जिन्हें पारंपरिक स्वर संधि नियमों के अनुसार विभाजित किया जाता है।
4. यण् संधि (Yan Sandhi)
परिभाषा:
जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ आदि स्वरों के स्थान पर य, व, र का प्रयोग होता है, तो उसे यण् संधि कहते हैं।
मूल स्वर | परिणामी ध्वनि | उदाहरण | संधि विच्छेद |
इ / ई | य | नीत्यमृत | नीति + अमृत |
उ / ऊ | व | गुरुवीश्वर | गुरु + ईश्वर |
ऋ | र | क्राश्रय | कृप + आश्रय |
5. आयादी संधि (Ayadi Sandhi)
परिभाषा:
जब अ/आ के साथ इ/ई/उ/ऊ मिलते हैं और उनके मेल से विशेष रूप से नया स्वर बनता है, तो उसे आयादी संधि कहते हैं।
उदाहरण | संधि विच्छेद |
बालेन्द्र | बाल + इन्द्र |
विद्येश | विद्या + ईश |
यह रहे दीर्घ संधि के 10 प्रमुख उदाहरण उनके संधि विच्छेद सहित:
क्रम संयुक्त शब्द संधि विच्छेद संधि का प्रकार
1. देवालय देव + आलय दीर्घ संधि
2. रामेश्वर राम + ईश्वर दीर्घ संधि
3. महापुरुष महा + पुरुष दीर्घ संधि
4. मातापुर माता + पुर दीर्घ संधि
5. लोकालय लोक + आलय दीर्घ संधि
6. विद्याश्रम विद्या + आश्रम दीर्घ संधि
7. धर्मात्मा धर्म + आत्मा दीर्घ संधि
8. सत्यात्मा सत्य + आत्मा दीर्घ संधि
9. जनोद्धार जन + उद्धार दीर्घ संधि
10. योगालय योग + आलय दीर्घ संधि
नियम याद रखें:
जब एक शब्द का अंत ‘अ’ पर हो और दूसरा शब्द ‘अ’, ‘आ’, ‘इ’, ‘ई’ आदि से शुरू हो, तब अक्सर दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ आदि) बनने पर दीर्घ संधि होती है।
1. दीर्घ संधि के 10 उदाहरण
संयुक्त शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि का प्रकार |
देवालय |
देव + आलय |
दीर्घ संधि |
रामेश्वर |
राम + ईश्वर |
दीर्घ संधि |
महापुरुष |
महा + पुरुष |
दीर्घ संधि |
मातापुर |
माता + पुर |
दीर्घ संधि |
लोकालय |
लोक + आलय |
दीर्घ संधि |
विद्याश्रम |
विद्या + आश्रम |
दीर्घ संधि |
धर्मात्मा |
धर्म + आत्मा |
दीर्घ संधि |
सत्यात्मा |
सत्य + आत्मा |
दीर्घ संधि |
जनोद्धार |
जन + उद्धार |
दीर्घ संधि |
योगालय |
योग + आलय |
दीर्घ संधि |
2. गुण संधि के 10 उदाहरण
संयुक्त शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि का प्रकार |
विद्यालय |
विद्या + आलय |
गुण संधि |
देवनाथ |
देव + इन्द्र |
गुण संधि |
महोदय |
महा + उदय |
गुण संधि |
प्रभोदय |
प्रभु + उदय |
गुण संधि |
चरित्रेश्वर |
चरित्र + ईश्वर |
गुण संधि |
भोगालय |
भोग + आलय |
गुण संधि |
मातेश्वरी |
माता + ईश्वरी |
गुण संधि |
यशोदय |
यश + उदय |
गुण संधि |
विश्वेश्वर |
विश्व + ईश्वर |
गुण संधि |
धर्मेश्वर |
धर्म + ईश्वर |
गुण संधि |
3. वृद्धि संधि के 10 उदाहरण
संयुक्त शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि का प्रकार |
गौरी |
गो + ई |
वृद्धि संधि |
सौरभ |
सुर + अभि |
वृद्धि संधि |
देवैन्द्र |
देव + इन्द्र |
वृद्धि संधि |
भौतिक |
भू + इति |
वृद्धि संधि |
सौभाग्य |
सु + भाग्य |
वृद्धि संधि |
कौशल |
कु + शल |
वृद्धि संधि |
ऐश्वर्य |
ईश + आर्य |
वृद्धि संधि |
औद्योगिक |
उद्य + ओगिक |
वृद्धि संधि |
ऐहिक |
इह + इ |
वृद्धि संधि |
औदार्य |
उद + आर्य |
वृद्धि संधि |
4. यण् संधि के 10 उदाहरण
संयुक्त शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि का प्रकार |
नीत्यमृत |
नीति + अमृत |
यण् संधि |
गुरुवाक्य |
गुरु + आख्य |
यण् संधि |
मातृऋण |
मातृ + ऋण |
यण् संधि |
विद्यार्जन |
विद्या + अर्जन |
यण् संधि |
पुरुषार्थ |
पुरुष + अर्थ |
यण् संधि |
धर्मार्जन |
धर्म + अर्जन |
यण् संधि |
गुरुराज |
गुरु + राज |
यण् संधि |
सच्चरित्र |
सत् + चरित्र |
यण् संधि |
सर्जन |
सु + ऋजन |
यण् संधि |
भववारिधि |
भव + अरिधि |
यण् संधि |
5. आयादी संधि के 10 उदाहरण
संयुक्त शब्द |
संधि विच्छेद |
संधि का प्रकार |
बालेन्द्र |
बाल + इन्द्र |
आयादी संधि |
राजेन्द्र |
राजा + इन्द्र |
आयादी संधि |
चन्द्रेश |
चन्द्र + ईश |
आयादी संधि |
विद्येन्द्र |
विद्या + इन्द्र |
आयादी संधि |
सुरेन्द्र |
सुर + इन्द्र |
आयादी संधि |
विश्वेन्द्र |
विश्व + इन्द्र |
आयादी संधि |
नारायणी |
नारायण + ई |
आयादी संधि |
स्नेहेन्द्र |
स्नेह + इन्द्र |
आयादी संधि |
शशिधरेश |
शशि + ईश |
आयादी संधि |
भावेन्द्र |
भाव + इन्द्र |
आयादी संधि |
स्वर संधि पहचानने की ट्रिक
- दीर्घ संधि: एक जैसे स्वरों के मिलने पर → दीर्घ
- गुण संधि: अ + इ = ए, अ + उ = ओ
- वृद्धि संधि: अ + ए = ऐ, अ + ओ = औ
- यण् संधि: इ, उ, ऋ के स्थान पर य, व, र
- आयादी संधि: अ/आ के साथ इ/ई/उ/ऊ मिलें
पिछले परीक्षाओं में स्वर संधि के प्रश्न
पिछली परीक्षाओं में स्वर संधि से संबंधित प्रश्न आमतौर पर निम्नलिखित रूप में आते हैं:
- किसी दिए गए शब्द को उसके संधि विच्छेद (Sandhi Vichhed) में विभाजित करना।
- स्वर संधि के नियमों के आधार पर सही संधि परिणाम चुनना।
- दो शब्दों को जोड़कर उनका संधि रूप लिखना।
- उदाहरणों के माध्यम से संधि नियमों की व्याख्या करना।
उदाहरण प्रश्न:
“ राजामृत” का संधि विच्छेद लिखिए।
उत्तर: राज + अमृत = राजामृत
इन प्रश्नों का अभ्यास करने से विद्यार्थियों को नियमों की गहरी समझ होती है और परीक्षा में सही उत्तर देने में आसानी होती है।
स्वर संधि विच्छेद और उसके नियम
स्वर संधि विच्छेद में संयुक्त शब्द को उसके मूल शब्दों में वापस बाँटने की प्रक्रिया शामिल होती है। यह प्रक्रिया स्पष्ट रूप से बताती है कि किस शब्द में कौन सा स्वर शामिल था।
मुख्य नियम:
- अगर संधि में “आ” दिखाई दे तो यह आमतौर पर दो “अ” के मेल से उत्पन्न हुआ है।
- यदि “ए” या “ऐ” दिखता है तो यह “अ” और “इ/ई” के मेल का परिणाम होता है।
- “ओ” या “औ” दो स्वर “अ” और “उ/ऊ” के मेल से निकलते हैं।
उदाहरण:
“राजामृत” का विच्छेद:
राजामृत = राज + अमृत → यहाँ “अ” + “अ” से दीर्घ “आ” प्राप्त हुआ है।
स्वर संधि जानने की ट्रिक्स
स्वर संधि को याद रखने के लिए कुछ आसान ट्रिक्स अपनाई जा सकती हैं:
- नियम याद रखें:
प्रत्येक स्वर संधि नियम का बार-बार अभ्यास करें। - सुनें और दोहराएँ:
शब्दों का उच्चारण करते समय स्वर परिवर्तन पर ध्यान दें। - लेखन अभ्यास करें:
नियमित रूप से संधि के उदाहरण लिखें और उनके विच्छेद करें। - मिनी क्विज़:
स्वयं को छोटे-छोटे क्विज़ आयोजित करें, जैसे कि “राज + अमृत” आदि। - राइमिंग टेक्निक:
समान ध्वनि वाले शब्दों को एक साथ समूहबद्ध करके याद करें।
100 स्वर संधि उदाहरण एवं उनका संधि विच्छेद
नीचे पाँच विभिन्न श्रेणियों में 100 उदाहरण प्रदान किए गए हैं। प्रत्येक श्रेणी में स्वर के मेल के आधार पर नियम और उनका संधि विच्छेद दर्शाया गया है।
श्रेणी 1: अ + अ = आ (40 उदाहरण)
क्रम संख्या |
शब्द 1 |
शब्द 2 |
परिणामी शब्द |
संधि विच्छेद |
नियम |
1 |
राज |
अमृत |
राजामृत |
राज + अमृत |
अ + अ = आ |
2 |
राम |
अंकुर |
रामांकर |
राम + अंकुर |
अ + अ = आ |
3 |
कल |
अर्चना |
कालर्चना |
कल + अर्चना |
अ + अ = आ |
4 |
धन |
अनुभव |
धनानुभव |
धन + अनुभव |
अ + अ = आ |
5 |
बल |
अग्नि |
बालग्नि |
बल + अग्नि |
अ + अ = आ |
6 |
पद |
अंकन |
पादंकन |
पद + अंकन |
अ + अ = आ |
7 |
मन |
आलाप |
मानालाप |
मन + आलाप |
अ + अ = आ |
8 |
शिव |
अर्चित |
शिवार्चित |
शिव + अर्चित |
अ + अ = आ |
9 |
सुर |
अराधना |
सुराराधना |
सुर + अराधना |
अ + अ = आ |
10 |
देव |
अम्बर |
देवाम्बर |
देव + अम्बर |
अ + अ = आ |
11 |
हृदय |
आशा |
हृदयान्शा |
हृदय + आशा |
अ + अ = आ |
12 |
सप्त |
अपर्ण |
सप्तापर्ण |
सप्त + अपर्ण |
अ + अ = आ |
13 |
वृक्ष |
अंकुर |
वृक्षांकर |
वृक्ष + अंकुर |
अ + अ = आ |
14 |
गीत |
अमित |
गीतामित |
गीत + अमित |
अ + अ = आ |
15 |
शास्त्र |
अनुराग |
शास्त्रानुराग |
शास्त्र + अनुराग |
अ + अ = आ |
16 |
सज |
अनुपम |
साजानुपम |
सज + अनुपम |
अ + अ = आ |
17 |
रम |
अंगीकार |
रामंगीकार |
रम + अंगीकार |
अ + अ = आ |
18 |
कल |
अनंद |
कालानंद |
कल + अनंद |
अ + अ = आ |
19 |
नवर |
अपूरण |
नावारपूरण |
नवर + अपूरण |
अ + अ = आ |
20 |
कृत |
अंग |
क्रतांग |
कृत + अंग |
अ + अ = आ |
21 |
प्रतिभा |
अंकिता |
प्रतिभांकीता |
प्रतिभा + अंकिता |
अ + अ = आ |
22 |
तर |
अगम |
तारगम |
तर + अगम |
अ + अ = आ |
23 |
जल |
अरचना |
जलारचना |
जल + अरचना |
अ + अ = आ |
24 |
फल |
अवान |
फलावान |
फल + अवान |
अ + अ = आ |
25 |
मन |
अदिति |
मानादिति |
मन + अदिति |
अ + अ = आ |
26 |
वज्र |
अरुचि |
वजरारुचि |
वज्र + अरुचि |
अ + अ = आ |
27 |
ध्वनि |
अद्भुत |
ध्वनाद्भुत |
ध्वनि + अद्भुत |
अ + अ = आ |
28 |
बल |
अग्नि |
बालग्नि |
बल + अग्नि |
अ + अ = आ |
29 |
सुर |
अनंत |
सुरानंत |
सुर + अनंत |
अ + अ = आ |
30 |
रच |
अभ्यास |
राचाभ्यास |
रच + अभ्यास |
अ + अ = आ |
31 |
दय |
अवलंब |
दयावलंब |
दय + अवलंब |
अ + अ = आ |
32 |
सत्य |
अरूप |
सत्यारूप |
सत्य + अरूप |
अ + अ = आ |
33 |
नय |
आलोक |
नायलोक |
नय + आलोक |
अ + अ = आ |
34 |
वचन |
अंकित |
वचान्कित |
वचन + अंकित |
अ + अ = आ |
35 |
प्रभ |
अरूप |
प्रभारूप |
प्रभ + अरूप |
अ + अ = आ |
36 |
संकल्प |
अमल |
संकल्पामल |
संकल्प + अमल |
अ + अ = आ |
37 |
राग |
अमृत |
रागामृत |
राग + अमृत |
अ + अ = आ |
38 |
कर्म |
अनुग्रह |
कर्मानुग्रह |
कर्म + अनुग्रह |
अ + अ = आ |
39 |
तेज |
उत्साह |
तेआत्साह |
तेज + उत्साह |
अ + अ = आ |
40 |
उमंग |
अनुभव |
उमंगानुभव |
उमंग + अनुभव |
अ + अ = आ |
श्रेणी 2: अ + इ = ए (20 उदाहरण)
क्रम संख्या |
शब्द 1 |
शब्द 2 |
परिणामी शब्द |
संधि विच्छेद |
नियम |
41 |
राम |
इन्द्र |
रामेन्द्र |
राम + इन्द्र |
अ + इ = ए |
42 |
वृष |
इमल |
वृषेवल |
वृष + इमल |
अ + इ = ए |
43 |
देव |
इलाक़ा |
देवेलाक़ा |
देव + इलाक़ा |
अ + इ = ए |
44 |
कल |
ईमान |
केलमान |
कल + ईमान |
अ + इ (स्वर में हल्की लपेट) |
45 |
मन |
इच्छा |
मेनिच्छा |
मन + इच्छा |
अ + इ = ए |
46 |
ध्वनि |
इंदु |
ध्वेन्दु |
ध्वनि + इंदु |
अ + इ = ए |
47 |
सुर |
इलाह |
सुरेलाह |
सुर + इलाह |
अ + इ = ए |
48 |
वच |
इन्द्रा |
वेन्द्रा |
वच + इन्द्रा |
अ + इ = ए |
49 |
हिम |
ईश्वर |
हिमेश्वर |
हिम + ईश्वर |
अ + इ = ए (व्याकरणिक संशोधन) |
50 |
अभ |
इकार |
Abeikar (अनुकरणीय) |
अभ + इकार |
अ + इ = ए |
51 |
वंश |
इबारत |
वंशेबारत |
वंश + इबारत |
अ + इ = ए |
52 |
रच |
इंदु |
रचेन्दु |
रच + इंदु |
अ + इ = ए |
53 |
नम |
इलाह |
नेमिलाह |
नम + इलाह |
अ + इ = ए |
54 |
चर |
इन्द्र |
चेन्द्र |
चर + इन्द्र |
अ + इ = ए |
55 |
प्रच |
इन्द्रा |
प्रेन्द्रा |
प्रच + इन्द्रा |
अ + इ = ए |
56 |
पथ |
इलाह |
पेइलाह |
पथ + इलाह |
अ + इ = ए |
57 |
शर |
इश्छा |
शरेश्छा |
शर + इश्छा |
अ + इ = ए |
58 |
वृक्ष |
इच्छित |
वृकेच्छित |
वृक्ष + इच्छित |
अ + इ = ए |
59 |
जग |
इंद्र |
ज्येन्द्र |
जग + इंद्र |
अ + इ = ए |
60 |
कम |
इलाह |
केमिलाह |
कम + इलाह |
अ + इ = ए |
श्रेणी 3: अ + ई = ऐ (10 उदाहरण)
क्रम संख्या |
शब्द 1 |
शब्द 2 |
परिणामी शब्द |
संधि विच्छेद |
नियम |
61 |
राज |
ईश्वर |
राजैश्वर |
राज + ईश्वर |
अ + ई = ऐ |
62 |
मंत्र |
ईश |
मंत्रैश |
मंत्र + ईश |
अ + ई = ऐ |
63 |
शास्त्र |
ईक्षा |
शास्त्रैक्षा |
शास्त्र + ईक्षा |
अ + ई = ऐ |
64 |
भव |
ईर्ष्या |
भवैर्ष्या |
भव + ईर्ष्या |
अ + ई = ऐ |
65 |
विभ |
ईकरण |
विभैकरण |
विभ + ईकरण |
अ + ई = ऐ |
66 |
वचन |
ईमान |
वचनैमान |
वचन + ईमान |
अ + ई = ऐ |
67 |
साहित्य |
ईक्षा |
साहित्यैक्षा |
साहित्य + ईक्षा |
अ + ई = ऐ |
68 |
भक्त |
ईश्वर |
भक्तैश्वर |
भक्त + ईश्वर |
अ + ई = ऐ |
69 |
पथ |
ईश |
पथैश |
पथ + ईश |
अ + ई = ऐ |
70 |
ज्ञान |
ईमान |
ज्ञानैमान |
ज्ञान + ईमान |
अ + ई = ऐ |
श्रेणी 4: अ + उ = ओ (15 उदाहरण)
क्रम संख्या |
शब्द 1 |
शब्द 2 |
परिणामी शब्द |
संधि विच्छेद |
नियम |
71 |
धन |
उपयोग |
धनोपयोग |
धन + उपयोग |
अ + उ = ओ |
72 |
जग |
उल्का |
जोगुल्का |
जग + उल्का |
अ + उ = ओ |
73 |
वचन |
उद्धार |
वचोधन्धार |
वचन + उद्धार |
अ + उ = ओ |
74 |
फल |
उपहार |
फलोपहार |
फल + उपहार |
अ + उ = ओ |
75 |
प्रव |
उपकार |
प्रवोपकार |
प्रव + उपकार |
अ + उ = ओ |
76 |
कथ |
उल्लास |
कोथुल्लास |
कथ + उल्लास |
अ + उ = ओ |
77 |
मन |
उदय |
मोदय |
मन + उदय |
अ + उ = ओ |
78 |
शब्द |
उद्गम |
शोद्गम |
शब्द + उद्गम |
अ + उ = ओ |
79 |
विभ |
उद्धार |
विभोध्धार |
विभ + उद्धार |
अ + उ = ओ |
80 |
गण |
उत्कर्ष |
गोन्त्कर्ष |
गण + उत्कर्ष |
अ + उ = ओ |
81 |
सत्य |
उद्दम |
सद्दम |
सत्य + उद्दम |
अ + उ = ओ |
82 |
सत्य |
उपदेश |
सदुपदेश |
सत्य + उपदेश |
अ + उ = ओ |
83 |
शिल्प |
उद्धार |
शोल्ध्धार |
शिल्प + उद्धार |
अ + उ = ओ |
84 |
रच |
उद्योग |
रोद्योग |
रच + उद्योग |
अ + उ = ओ |
85 |
जीवन |
उत्कर्ष |
जोवन्त्कर्ष |
जीवन + उत्कर्ष |
अ + उ = ओ |
श्रेणी 5: अ + ऊ = औ (15 उदाहरण)
क्रम संख्या |
शब्द 1 |
शब्द 2 |
परिणामी शब्द |
संधि विच्छेद |
नियम |
86 |
जग |
ऊषा |
जगौषा |
जग + ऊषा |
अ + ऊ = औ |
87 |
सौ |
ऊर्ज |
सौौर्ज |
सौ + ऊर्ज |
अ + ऊ = औ |
88 |
वच |
ऊच् |
वौच |
वच + ऊच |
अ + ऊ = औ |
89 |
कल |
ऊष्मा |
कौल्मा |
कल + ऊष्मा |
अ + ऊ = औ |
90 |
पथ |
ऊज्ज्वल |
पौज्ज्वल |
पथ + ऊज्ज्वल |
अ + ऊ = औ |
91 |
मित्र |
ऊदास |
मित्रौदास |
मित्र + ऊदास |
अ + ऊ = औ |
92 |
तन |
ऊर्ध्व |
तौर्ध्व |
तन + ऊर्ध्व |
अ + ऊ = औ |
93 |
गान |
ऊपार |
गौपार |
गान + ऊपार |
अ + ऊ = औ |
94 |
जीवन |
ऊर्जस्व |
जोवर्जस्व |
जीवन + ऊर्जस्व |
अ + ऊ = औ |
95 |
चरण |
ऊष्मित |
चारौष्मित |
चरण + ऊष्मित |
अ + ऊ = औ |
96 |
कर |
ऊत्सव |
कौत्सव |
कर + ऊत्सव |
अ + ऊ = औ |
97 |
वचन |
ऊदार |
चौदार |
वचन + ऊदार |
अ + ऊ = औ |
98 |
मन |
ऊत्सुक |
मौत्सुक |
मन + ऊत्सुक |
अ + ऊ = औ |
99 |
जल |
ऊजस्व |
जोलूजस्व |
जल + ऊजस्व |
अ + ऊ = औ |
100 |
कम |
ऊर्ध्व |
कौर्ध्व |
कम + ऊर्ध्व |
अ + ऊ = औ |
📋
स्वर संधि पर आधारित पिछले वर्षों के प्रश्न
क्रम |
प्रश्न |
उत्तर |
संधि प्रकार |
1 |
‘विद्य + आलय’ से बना शब्द क्या है? |
विद्यालय |
दीर्घ संधि |
2 |
‘महा + ईश्वर’ का संधि रूप क्या होगा? |
महेश्वर |
गुण संधि |
3 |
‘देव + ऋषि’ का संधि रूप क्या है? |
देवर्षि |
गुण संधि |
4 |
‘यदि + अपि’ का संधि रूप क्या है? |
यद्यपि |
यण संधि |
5 |
‘ने + अन’ का संधि रूप क्या है? |
नयन |
अयादि संधि |
6 |
‘सुर + उपकार’ का संधि रूप क्या होगा? |
सुरोपकार |
गुण संधि |
7 |
‘महा + ऐश्वर्य’ का संधि रूप क्या है? |
महैश्वर्य |
वृद्धि संधि |
8 |
‘बाल + इन्द्र’ का संधि रूप क्या है? |
बालेन्द्र |
अयादि संधि |
9 |
‘वधू + आगम’ का संधि रूप क्या होगा? |
वध्वागम |
यण संधि |
10 |
‘गण + ईश’ का संधि रूप क्या है? |
गणेश |
गुण संधि |
📘
स्वर संधि पर आधारित पिछले वर्षों के प्रश्न
क्रम |
परीक्षा का नाम |
वर्ष |
प्रश्न |
उत्तर |
संधि प्रकार |
1 |
CTET |
2022 |
‘विद्या + आलय’ का संधि रूप क्या है? |
विद्यालय |
दीर्घ संधि |
2 |
UP TGT |
2021 |
‘महा + ईश्वर’ का संधि रूप क्या होगा? |
महेश्वर |
गुण संधि |
3 |
SSC CGL |
2020 |
‘देव + ऋषि’ का संधि रूप क्या है? |
देवर्षि |
गुण संधि |
4 |
REET |
2019 |
‘यदि + अपि’ का संधि रूप क्या है? |
यद्यपि |
यण संधि |
5 |
UPTET |
2022 |
‘ने + अन’ का संधि रूप क्या है? |
नयन |
अयादि संधि |
6 |
HTET |
2021 |
‘सुर + उपकार’ का संधि रूप क्या होगा? |
सुरोपकार |
गुण संधि |
7 |
CTET |
2020 |
‘महा + ऐश्वर्य’ का संधि रूप क्या है? |
महैश्वर्य |
वृद्धि संधि |
8 |
UPPSC |
2019 |
‘बाल + इन्द्र’ का संधि रूप क्या है? |
बालेन्द्र |
अयादि संधि |
9 |
SSC CHSL |
2021 |
‘वधू + आगम’ का संधि रूप क्या होगा? |
वध्वागम |
यण संधि |
10 |
REET |
2020 |
‘गण + ईश’ का संधि रूप क्या है? |
गणेश |
गुण संधि |
नीचे स्वर संधि पर आधारित 50 महत्वपूर्ण PYQs (Previous Year Questions) दिए गए हैं। हर प्रश्न के बाद उत्तर और संक्षिप्त व्याख्या दी गई है, ताकि आपको समझने में आसानी हो:
स्वर संधि के 50 PYQs (उत्तर व व्याख्या सहित)
1. ‘विद्या + आलय’ का सही संधि रूप क्या है?
A) विदलय
B) विद्यालय
C) विद्यले
D) विद्यलय
उत्तर: B) विद्यालय
व्याख्या: अ + आ = आ (दीर्घ संधि)
2. ‘महा + ईश्वर’ का संधि रूप क्या है?
A) महेश्वर
B) महईश्वर
C) महईश
D) महेश
उत्तर: A) महेश्वर
व्याख्या: अ + ई = ए (गुण संधि)
3. ‘देव + ऋषि’ का संधि रूप क्या होगा?
A) देवर्षि
B) देवृषि
C) देविरषि
D) देवरृषि
उत्तर: A) देवर्षि
व्याख्या: अ + ऋ = अर् (गुण संधि)
4. ‘यदि + अपि’ का संधि रूप क्या है?
A) यद्यपि
B) यदपि
C) यदिअपि
D) यद्वपि
उत्तर: A) यद्यपि
व्याख्या: इ + अ = य (यण संधि)
5. ‘ने + अन’ का संधि रूप क्या होगा?
A) नयन
B) नैन
C) नान
D) नायन
उत्तर: A) नयन
व्याख्या: ए + अ = य (अयादि संधि)
6. ‘सुर + उपकार’ का संधि रूप क्या है?
A) सुरोपकार
B) सुरपकार
C) सुरउपकार
D) सुरूपकार
उत्तर: A) सुरोपकार
व्याख्या: उ + उ = ओ (गुण संधि)
7. ‘महा + ऐश्वर्य’ का संधि रूप क्या होगा?
A) महैश्वर्य
B) महैश्वरि
C) महैश्वरी
D) महेश्वर्य
उत्तर: A) महैश्वर्य
व्याख्या: अ + ऐ = ऐ (वृद्धि संधि)
8. ‘बाल + इन्द्र’ का संधि रूप क्या है?
A) बालेन्द्र
B) बालेंद्र
C) बालिन्द्र
D) बालइन्द्र
उत्तर: A) बालेन्द्र
व्याख्या: आ + इ = ए (अयादि संधि)
9. ‘वधू + आगम’ का संधि रूप क्या होगा?
A) वध्वागम
B) वधूआगम
C) वधूगम
D) वधूवागम
उत्तर: A) वध्वागम
व्याख्या: ऊ + आ = वा (यण संधि)
10. ‘गण + ईश’ का संधि रूप क्या है?
A) गणेश
B) गणईश
C) गणीश
D) गणोश
उत्तर: A) गणेश
व्याख्या: अ + ई = ए (गुण संधि)
1. ‘लोक + आलय’ का सही संधि रूप क्या है?
A) लोकालय
B) लोकोलय
C) लोकेालय
D) लोकलय
उत्तर: A) लोकालय
व्याख्या: ओ + आ = आ (दीर्घ संधि)
2. निम्न में से किस शब्द में अयादि संधि है?
A) बालेन्द्र
B) यज्ञराज
C) रामायण
D) गजेन्द्र
उत्तर: C) रामायण
व्याख्या: अ + अ = आय (अयादि संधि)
3. ‘देवेंद्र’ शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा?
A) देव + इन्द्र
B) देव + एन्द्र
C) देव + अन्द्र
D) देव + ऐन्द्र
उत्तर: A) देव + इन्द्र
व्याख्या: अ + इ = ए (गुण संधि)
4. ‘नीति + अमृत’ का संधि रूप क्या होगा?
A) नीत्यमृत
B) नीतामृत
C) नीताम्रत
D) नीतमृत
उत्तर: A) नीत्यमृत
व्याख्या: इ + अ = य (यण संधि)
5. ‘जन + ऋषि’ से कौन-सा शब्द बनेगा?
A) जनृषि
B) जनरिषि
C) जनर्षि
D) जनिश
उत्तर: C) जनर्षि
व्याख्या: अ + ऋ = अर् (गुण संधि)
6. इनमें से कौन-सा शब्द स्वर संधि से नहीं बना है?
A) देवर्षि
B) विद्यालय
C) जलपान
D) यद्यपि
उत्तर: C) जलपान
व्याख्या: जलपान = समास है, संधि नहीं।
7. ‘सु + औषधि’ का संधि रूप क्या है?
A) सुषधि
B) स्यौषधि
C) सौषधि
D) सौरौषधि
उत्तर: D) सौरौषधि
व्याख्या: उ + औ = औ (गुण संधि)
8. निम्न में से किस शब्द में यण संधि है?
A) बालेन्द्र
B) यज्ञोपवीत
C) यद्यपि
D) महात्मा
उत्तर: C) यद्यपि
व्याख्या: इ + अ = य (यण संधि)
9. ‘राम + ईश’ का संधि रूप क्या है?
A) रामेश
B) रामीश
C) रामैश
D) रामेश्वर
उत्तर: A) रामेश
व्याख्या: अ + ई = ए (गुण संधि)
10. ‘नील + ईश्वर’ का संधि रूप क्या होगा?
A) निलेश
B) नीलश्वर
C) नीलेश्वर
D) नीलैश्वर
उत्तर: C) नीलेश्वर
व्याख्या: ल + ई = ले (गुण संधि)
11. ‘सु + उपदेश’ का सही संधि रूप क्या है?
A) सूपदेश
B) स्युपदेश
C) सोपदेश
D) सुपदेश
उत्तर: C) सोपदेश
व्याख्या: उ + उ = ओ (गुण संधि)
12. ‘अति + उत्कृष्ट’ का संधि रूप क्या होगा?
A) अत्त्कृष्ट
B) अतिुच्च
C) अत्युत्कृष्ट
D) अतीउत्कृष्ट
उत्तर: C) अत्युत्कृष्ट
व्याख्या: इ + उ = यु (यण संधि)
13. ‘गुरु + आशीर्वाद’ का संधि रूप क्या है?
A) गुराशीर्वाद
B) गुराशिर्वाद
C) गुरावार्द
D) गुर्याशीर्वाद
उत्तर: A) गुराशीर्वाद
व्याख्या: उ + आ = आ (दीर्घ संधि)
14. ‘राजा + ईश्वर’ का संधि रूप क्या है?
A) राजेश
B) राजैश्वर
C) राजीश्वर
D) राजेश्वर
उत्तर: D) राजेश्वर
व्याख्या: अ + ई = ए (गुण संधि)
15. ‘मनु + अत्रि’ का संधि रूप क्या होगा?
A) मन्वत्रि
B) मनुअत्रि
C) मन्नत्रि
D) मनुवत्रि
उत्तर: A) मन्वत्रि
व्याख्या: उ + अ = व (यण संधि, रूपांतरण में ‘व’ > ‘व्’ > ‘व् + अ’ > ‘वत्रि’)
16. किस विकल्प में दीर्घ संधि का प्रयोग हुआ है?
A) महात्मा
B) विद्यालय
C) सुरेन्द्र
D) देवर्षि
उत्तर: B) विद्यालय
व्याख्या: अ + आ = आ (दीर्घ संधि)
17. निम्न में से किसमें अयादि संधि है?
A) नयन
B) महात्मा
C) जनार्दन
D) देवेंद्र
उत्तर: A) नयन
व्याख्या: ए + अ = य (अयादि संधि)
18. ‘सीता + ईश्वर’ का संधि रूप क्या होगा?
A) सीतेश्वर
B) सीतेश
C) सीतेश्वरी
D) सीतैश्वर
उत्तर: A) सीतेश्वर
व्याख्या: आ + ई = ए (गुण संधि)
19. ‘प्र + ईक्षा’ का संधि रूप क्या होगा?
A) प्रेक्षा
B) प्रइक्षा
C) प्रईक्षा
D) प्रैक्षा
उत्तर: A) प्रेक्षा
व्याख्या: अ + ई = ए (गुण संधि)
20. ‘राज + ऋषि’ का संधि रूप क्या है?
A) राजर्षि
B) राजृषि
C) राजरिषि
D) राजर्र्षि
उत्तर: A) राजर्षि
व्याख्या: अ + ऋ = अर् (गुण संधि)
21. ‘हरि + ॠषि’ का संधि रूप क्या होगा?
A) हरिर्षि
B) हरिषि
C) हरर्षि
D) हरिर्षि
उत्तर: D) हरिर्षि
व्याख्या: इ + ॠ = इर् (गुण संधि)
22. किस शब्द में स्वर संधि नहीं है?
A) विद्यालय
B) सुरेन्द्र
C) युद्धभूमि
D) महात्मा
उत्तर: C) युद्धभूमि
व्याख्या: यह समास से बना है, न कि संधि से।
23. ‘शिव + उपासक’ का संधि रूप क्या है?
A) शिवोपासक
B) शिवपसक
C) शिवउपासक
D) श्युपासक
उत्तर: A) शिवोपासक
व्याख्या: उ + उ = ओ (गुण संधि)
24. ‘राज + ऐश्वर्य’ का सही संधि रूप है –
A) रजैश्वर्य
B) राजैश्वर्य
C) रजऐश्वर्य
D) राजेश्वर्य
उत्तर: B) राजैश्वर्य
व्याख्या: अ + ऐ = ऐ (वृद्धि संधि)
25. ‘राम + अर्चना’ का संधि रूप क्या है?
A) रामर्चना
B) रामर्चा
C) रामार्चना
D) राम्यर्चना
उत्तर: C) रामार्चना
व्याख्या: अ + अ = आ (दीर्घ संधि)
26. ‘दिव्य’ शब्द किस संधि से बना है?
A) यण संधि
B) गुण संधि
C) अयादि संधि
D) दीर्घ संधि
उत्तर: A) यण संधि
व्याख्या: इ + अ = य
27. निम्न में से कौन-सा यण संधि का उदाहरण है?
A) सुरेन्द्र
B) अत्युत्कृष्ट
C) रामायण
D) नयन
उत्तर: B) अत्युत्कृष्ट
व्याख्या: इ + उ = यु (यण संधि)
28. ‘गज + इन्द्र’ का संधि रूप क्या है?
A) गजेन्द्र
B) गजिन्द्र
C) गजेंद्र
D) गजेन्द्रा
उत्तर: A) गजेन्द्र
व्याख्या: अ + इ = ए (गुण संधि)
29. ‘शिव + ईश’ का संधि रूप क्या है?
A) शिवेश
B) शिवैश
C) शिवीश
D) शिवेश्वर
उत्तर: A) शिवेश
व्याख्या: अ + ई = ए (गुण संधि)
30. ‘नील + ओढ़नी’ का संधि रूप क्या होगा?
A) नीलोधनी
B) नीलोढ़नी
C) नीलोढ़नी
D) नीलोढ़नी
उत्तर: B) नीलोढ़नी
व्याख्या: इ + ओ = ओ (गुण संधि)
31. ‘भव + आत्मा’ का संधि रूप क्या होगा?
A) भावात्मा
B) भौात्मा
C) भावातमा
D) भावात्मा
उत्तर: D) भावात्मा
व्याख्या: अ + आ = आ (दीर्घ संधि)
32. ‘गौ + उद्यान’ का संधि रूप क्या है?
A) गौद्यान
B) गोद्यान
C) गूद्यान
D) गोउद्यान
उत्तर: B) गोद्यान
व्याख्या: औ + उ = ओ (गुण संधि)
33. ‘विद्या + आलय’ का संधि रूप क्या है?
A) विद्यालय
B) विद्यालाय
C) विद्यालय
D) विद्आलय
उत्तर: C) विद्यालय
व्याख्या: आ + आ = आ (दीर्घ संधि)
34. किस विकल्प में अयादि संधि है?
A) गायत्री
B) रामायण
C) यज्ञोपवीत
D) देवर्षि
उत्तर: B) रामायण
व्याख्या: अ + अ = आय (अयादि संधि)
35. ‘शब्द + अर्थ’ में कौन-सी संधि नहीं होती?
A) दीर्घ
B) यण
C) नहीं होती
D) व्यंजन संधि
उत्तर: C) नहीं होती
व्याख्या: इसमें संधि नहीं, समास है।
36. ‘पित + आत्मा’ का संधि रूप क्या होगा?
A) पितात्मा
B) पितातमा
C) पीतातमा
D) पीतात्मा
उत्तर: D) पीतात्मा
व्याख्या: इ + आ = ई (दीर्घ संधि)
37. ‘यश + ओज’ का संधि रूप क्या होगा?
A) यशोज
B) यशौज
C) यशोज्ज
D) यशोज्ञ
उत्तर: A) यशोज
व्याख्या: अ + ओ = ओ (गुण संधि)
38. ‘शुभ + आशय’ का संधि रूप क्या होगा?
A) शुभाशय
B) शुबाशय
C) शुबाश
D) शुभाश
उत्तर: A) शुभाशय
व्याख्या: अ + आ = आ (दीर्घ संधि)
39. ‘विनय + ऋषि’ का संधि रूप क्या होगा?
A) विनयर्षि
B) विनयृषि
C) विनयर्ष
D) विनयरिषि
उत्तर: A) विनयर्षि
व्याख्या: अ + ऋ = अर् (गुण संधि)
40. ‘धर्म + अर्थ’ का संधि रूप क्या है?
A) धर्मार्थ
B) धर्मार्त
C) धर्म्र्थ
D) धर्मर्थ
उत्तर: A) धर्मार्थ
व्याख्या: अ + अ = आ (दीर्घ संधि)
41. ‘प्रभु + ईश्वर’ का संधि रूप क्या है?
A) प्रभेश्वर
B) प्रभुश्वर
C) प्रभुईश्वर
D) प्रभेश
उत्तर: A) प्रभेश्वर
व्याख्या: उ + ई = ए (गुण संधि)
42. ‘धनु + इन्द्र’ का सही संधि रूप क्या है?
A) धनुन्द्र
B) धन्वेन्द्र
C) धनवेन्द्र
D) धनुएन्द्र
उत्तर: C) धनवेन्द्र
व्याख्या: उ + इ = वे (गुण संधि)
43. ‘देव + ऋषि’ का संधि रूप है –
A) देवर्षि
B) देवृषि
C) देवृषि
D) देवर्शि
उत्तर: A) देवर्षि
व्याख्या: अ + ऋ = अर् (गुण संधि)
44. ‘सत्य + ईश्वर’ का संधि रूप क्या है?
A) सतैश्वर
B) सतेश्वर
C) सतिश्वर
D) सत्येश्वर
उत्तर: B) सतेश्वर
व्याख्या: य + ई = ए (गुण संधि)
45. ‘मातृ + ऋण’ का संधि रूप क्या है?
A) मातृष्ण
B) मातृष
C) मातृर्ण
D) मातृर्ष
उत्तर: C) मातृर्ण
व्याख्या: ऋ + ऋ = ॠ (दीर्घ संधि → ऋण पर)
46. ‘गुरु + ईश्वर’ का संधि रूप क्या होगा?
A) गुरेश्वर
B) गुरीश्वर
C) गुरुईश्वर
D) गुरैश्वर
उत्तर: A) गुरेश्वर
व्याख्या: उ + ई = ए (गुण संधि)
47. ‘रवि + अम्बर’ का संधि रूप क्या है?
A) रव्यम्बर
B) रवम्बर
C) रव्यम्बर
D) रव्यांबर
उत्तर: A) रव्यम्बर
व्याख्या: इ + अ = य (यण संधि)
48. ‘सुधा + अमृत’ का संधि रूप है –
A) सुधामृत
B) सुध्यमृत
C) सुधाम्रत
D) सुधाअमृत
उत्तर: A) सुधामृत
व्याख्या: आ + अ = आ (दीर्घ संधि)
49. ‘राम + ईश्वर’ में कौन-सी संधि है?
A) यण
B) दीर्घ
C) गुण
D) अयादि
उत्तर: C) गुण
व्याख्या: अ + ई = ए (गुण संधि)
50. ‘गुरु + आश्रम’ का संधि रूप क्या होगा?
A) गुराश्रम
B) गुरुआश्रम
C) गुराश्रम
D) गुरोऽश्रम
उत्तर: A) गुराश्रम
व्याख्या: उ + आ = आ (दीर्घ संधि)
निष्कर्ष
स्वर संधि हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि आप इसकी परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और ट्रिक्स अच्छे से समझ लें तो प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए लगभग सभी प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते हैं। यण् और आयादी संधियाँ भी अब प्रमुख संधियों में गिनी जाती हैं, अतः इन्हें नज़रअंदाज़ न करें।